ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने टेस्ट और वनडे से संन्यास ले लिया है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। मैच के आखिरी दिन (छह जनवरी) वार्नर के चमकदार और विवादास्पद करियर का अंत हुआ। 2011 में डेब्यू करने वाले 37 वर्षीय विस्फोटक बल्लेबाज ने 112 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने अपने करियर की आखिरी पारी में अर्धशतक लगाया और टीम की आठ विकेट से जीत में अहम भूमिका निभाई।
पहली टेस्ट सीरीज
डेविड वॉर्नर को टेस्ट में पहली बार खेलने का मौका न्यूजीलैंड के खिलाफ 2011 में घरेलू मैदान पर मिला था। ब्रिसबेन में डेब्यू मैच में उन्होंने तीन और नाबाद 12 रन बनाए थे। इसके बाद होबार्ट में खेले गए दूसरे मैच में उन्होंने अपना पहला शतक लगाया। पहली पारी में 15 रन बनाने वाले वॉर्नर ने दूसरी पारी में नाबाद 123 रन बनाए। हालांकि, ऑस्ट्रेलियाई टीम सात रन से टेस्ट मैच हार गई थी। हार के बावजूद उन्होंने उसी समय साबित कर दिया था कि वह एक बड़े बल्लेबाज बन सकते हैं।
टेस्ट में तूफानी बल्लेबाजी
पहले टेस्ट शतक में उन्होंने धैर्य दिखाया तो भारत के खिलाफ अगली सीरीज में उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाजी का नमूना दिखाया। पर्थ में सीरीज के तीसरे टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 180 रन ठोक डाले। वॉर्नर ने 69 गेंद पर ही शतक पूरा करके सबको हैरान कर दिया था। पिच से तेज गेंदबाजों को बाउंस और स्विंग दोनों मिल रही थी, लेकिन वॉर्नर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था। उन्होंने 13 चौके और तीन छक्के लगाए। यह टेस्ट क्रिकेट का छठा सबसे तेज शतक है। वॉर्नर ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में 78 गेंद और 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिडनी में ही 82 गेंद पर शतक जड़ा था।
फिलिप ह्यूज के निधन से टूटे और फिर ऐसे उबरे
टेस्ट में वॉर्नर ने 26 शतक लगाए, लेकिन 2015 में खेली गई एक पारी उनके दिल के करीब है। 30 नवंबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर फिलिप ह्यूज का निधन हुआ था। वह शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान बाउंसर पर चोटिल हो गए थे। गेंद उनके सिर पर लगी थी। ह्यूज चोट लगते ही मैदान पर गिर गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन जान नहीं बची। वॉर्नर उस मैच में ह्यूज के करीब ही फील्डिंग कर रहे थे। जब ह्यूज अस्पताल जा रहे थे तो वॉर्नर का हाथ उनके सिर के नीचे थे। उन्हें नहीं बचाया जा सका। वॉर्नर सदमे में चले गए। इसके बाद उन्होंने वापसी की और जनवरी के पहले हफ्ते में शतक लगाया। उन्होंने 101 रन बनाए थे। जब वॉर्नर 63 रन पर पहुंचे थे तो उन्होंने ह्यूज की याद में मैदान को चूमा और फिर आसमान की ओर देखा। सभी भावुक हो गए थे।
बॉल टेम्परिंग विवाद
2018 में वॉर्नर का नाम पहली बार किसी विवाद में सामने आया था। दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में उन्होंने कैमरून बेनक्रॉफ्ट को सैंडपेपर से गेंद को रगड़ने के लिए कहा था। इस कारण उन्हें बेनक्रॉफ्ट और कप्तान स्टीव स्मिथ के साथ टीम से निकाल दिया गया था। वॉर्नर स्वदेश लौटने के बाद रोते हुए दिखाई दिए थे। वॉर्नर और स्मिथ पर एक साल का प्रतिबंध लगा था। साथ ही उन्हें कभी भी ऑस्ट्रेलिया का कप्तान नहीं बनाने का निर्णय भी लिया गया था। वॉर्नर ने विवाद के बाद 2019 वनडे विश्व कप से शानदार वापसी की थी।
तिहरा शतक
वॉर्नर ने 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में शानदार शतक लगाया था। उन्होंने एडिलेड में 335 रन की नाबाद पारी खेली थी। वह एडिलेड में सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी भी बने थे। उन्होंने डॉन ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ा था। ब्रैडमैन ने 1931-32 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 299 रन बनाए थे। 335 रन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों का टेस्ट में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। वॉर्नर से आगे इस मामले में मैथ्यू हेडन हैं। उन्होंने 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ 380 रन की पारी खेली थी।
आखिरी सीरीज में भी सुपरहिट रहे वॉर्नर
अपनी आखिरी सीरीज में डेविड वॉर्नर ने छह पारियों में 49.83 की औसत से 299 रन बनाए। वह सीरीज में शतक लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज रहे। ऑस्ट्रेलिया ने तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 3-0 से जीत हासिल की। वॉर्नर ने पिछले साल टीम के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल जीता था। उसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ एशेज बचाने वाली टीम के सदस्य रहे। वहीं, वनडे विश्व कप में टीम को चैंपियन बनाया। वॉर्नर 2015 में भी विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे।
वॉर्नर का टेस्ट करियर
वॉर्नर के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 111 मैचों में 44.59 की औसत से 8695 रन बनाए। इस दौरान 26 शतक और 36 अर्धशतक लगाए। वनडे में 161 मैचों में उन्होंने 45.01 की औसत से 6932 रन बनाए। उन्होंने 22 शतक और 33 अर्धशतक लगाए।
वॉर्नर का वनडे करियर
वॉर्नर ने 161 मैचों की 159 पारियों में 6932 रन बनाए हैं। उन्होंने 45.30 की औसत और 97.26 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वॉर्नर के नाम 22 शतक और 33 अर्धशतक हैं।