हल्द्वानी, न्यूज़ आईएनबी। पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार इलेक्ट्रोनिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। पेट्रोल व डीजल के बढ़ते हुए दामों के कारण लोग भी इलेक्ट्रॉनिक वाहन खरीदने में खासी रूचि दिखा रहे हैं। हल्द्वानी में पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है लेकिन शहर में ईवी-चार्जिंग स्टेशन नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी भी हो रही है।
आरटीओ कार्यालय के अनुसार, वर्तमान में ई-स्कूटी (50 एचपी मोटर वाले) 1053, ई-रिक्शा 2098, ई-कार्ट 82 और ई-कार 121 पंजीकृत हैं। बीते पांच सालों में इन वाहनों की संख्या दोगुनी हुई है। ई-वाहन कंपनियों को बनाना चाहिए चार्जिंग स्टेशन
बताया जाता है कि ज्यादातर दो पहिया ई-वाहन बनाने वाली कंपनियों ने एजेंसी देने से पहले चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का नियम बना रखा है। ई-रिक्शा, ई-कार आदि बनाने वाली कंपनियों ने ऐसी कोई बाध्यता नहीं रखी है। नगर निगम हल्द्वानी ने भी ईवी-चार्जिंग स्टेशन बनाने की बात कही है। लेकिन अभी इस ओर कार्य चल रहा है। इसी तरह इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों को भी अपने-अपने पेट्रोल पंपों पर ईवी-चार्जिंग स्टेशन बनाने हैं लेकिन, इसमें भी देरी हो रही है। पेट्रोल पंप के एक संचालक ने बताया है कि इसके लिए उन्हें इजाजत मिली है। लेकिन यह अभी प्रोसेस में है।
परिवहन विभाग ने भी प्रदेश के अधिकतर जिलों में ईवी-चार्जिंग स्टेशन बनाने की बात कही है। इस योजना के तहत नैनीताल जिले में 13 चार्जिंग स्टेशन बनने हैं। इसके लिए अभी भूमि का चयन किया जा रहा है। हल्द्वानी में ई-रिक्शा व ई-कार के लिए कुछ निजी चार्जिंग स्टेशन हैं लेकिन चार्जिंग शुल्क ज्यादा होने से यहां कम लोग जाते हैं।
ई-रिक्शा चालक लक्ष्मण मुखिया बताते हैं कि वह रात में 8 बजे से सुबह 6 बजे तक अपने रिक्शे को चार्ज करते हैं। इस पर उनका प्रतिदिन करीब 50-60 रूपए बिल आता है। इससे वह 150 किमी तक रिक्शा चला लेते हैं। ब्लॉक निवासी ई-रिक्शा चालक रामशरण कहते हैं कि बाजार में स्थित निजी चार्जिंग स्टेशनों पर शुल्क ज्यादा है। वहां लोग इमरजेंसी में ही जाते हैं।
सीएनजी पंपों की भी है कमी
हल्द्वानी में कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) से चलने वाली रोडवेज की अनुबंधित बसों की अच्छी-खासी संख्या है। इसके अलावा बड़े शहरों के पर्यटक भी अपनी कारों से यहीं से होकर पहाड़ों को जाते हैं। लेकिन शहर में बेलबाबा के पास एकमात्र सीएनजी स्टेशन है। बताया जाता है कि इस स्टेशन पर भी अक्सर सीएनजी नहीं मिलती है। बस संचालक व पर्यटक अक्सर उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि से ही अपनी गाड़ियों में सीएनजी भरवाते हैं।
लंबे समय से कंपनियों ने अप्लाई किया है, लेकिन बिजली के कनेक्शन नहीं मिलने के कारण ई-चार्जिंग स्टेशन अभी कहीं भी स्थापित नहीं हो पाए हैं।
– वीरेंद्र चड्डा, अध्यक्ष, पर्वतीय पेट्रोलियम डीलर्स पंप एसोसिएशन