लखनऊ: अधिकारी की बेटी से चलती गाड़ी में गैंगरेप, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

लखनऊ, न्यूज़ आई एन बी। राजधानी लखनऊ में एक अधिकारी की बेटी से चलती गाड़ी में गैंगरेप का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। गोमतीनगर निवासी पीड़िता एक बड़े अधिकारी की बेटी है और एक बड़े कॉलेज की छात्रा है। यह घटना 5 दिसंबर को वजीरगंज थाने की बताई जा रही है। लखऊ पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने पीड़िता को केजीएमयू से डालीगंज, आईटी चौराहा और फिर आईटी चौराहे से बाराबंकी सफेदाबाद लेकर जाकर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। 

खबरों के मुताबिक वारदात के बाद पीड़िता रोते बिलखते अपने घर पहुंची और पूरी घटना को अपने परिजनों से बताई। इसके बाद परिजन स्थानीय थाने पहुंचे और इस घटना को लेकर अवगत कराया। लेकिन पुलिस इस मामले को टालती रही। वहीं जब इसकी जानकारी बड़े अधिकारियों को हुई तो 5 दिन बाद रविवार को थाना वजीरगंज में एफआईआर दर्ज हुई और महज 12 घंटे के अंदर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस में मुताबिक तीनों आरोपियों में एक एंबुलेंस चालक और दो लोग मेडिकल कॉलेज के पास चाय का ठेला लगाने वाले हैं। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि इस घटना के तीनों आरोपियों सत्यम मिश्रा, सुहैल और असलम को वजीरगंज थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

उन्होंने बताया कि गोमती नगर निवासी पीड़िता केजीएमयू के मानसिक चिकित्सालय विभाग में काफी समय से अपना इलाज करा रही है। ऐसे में हॉस्पिटल के बाहर चाय का स्टॉल लगाने वाले सत्यम से पीड़िता की जान पहचान हो गई। वहीं बीती 5 दिसंबर को मोबाइल चार्ज करने के लिए पीड़िता चाय की दुकान पर पहुंची। तभी सत्यम ने पीड़िता के मोबाइल को अपने दोस्त की एंबुलेंस में चार्जिंग में लगा दिया और दुकान वापस आ गया। 

थोड़ी देर बाद जब उसने सत्यम से अपना मोबाइल वापस मांगा तो उसने बताया कि एंबुलेंस यहां नहीं डालीगंज चली गई है। इसके बाद वह पीड़िता को लेकर डालीगंज ले गया जहां उसने पता किया तो एंबुलेंस आईटी कॉलेज के पास थी। फिर वह पीड़िता के साथ आईटी कॉलेज पहुंच गया। जहां उसने अपने एंबुलेंस वाले दोस्त और एक दूसरे दोस्त के साथ पीड़िता को दूसरी कार में बैठाया और सफदरगंज बाराबंकी हाईवे की ओर चले गए। 

इस दौरान उन्होंने पीड़िता के साथ चलती गाड़ी में दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और वापस पीड़िता को मुंशीपुलिया चौराहे पर छोड़ दिया। इसके बाद परेशान पीड़िता अपनी दोस्त के घर चली गई। वहीं परिजनों को ओर से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल, 5 दिसंबर को हुई वारदात की एफआईआर पुलिस ने 5 दिन बाद दर्ज की। हालांकि इस सवाल पर पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है और बताया कि जांच करने की बात कह रही है।

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