महाराष्ट्र, न्यूज़ आईएनबी। IPS रश्मि शुक्ला महाराष्ट्र की पहली महिला DGP बन गई हैं। 31 दिसंबर 2023 को IPS रजनीश सेठ के रिटायर्ड होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने रश्मि शुक्ला को पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया। उनकी छवि महाराष्ट्र में एक्टिव लेडी ऑफिसर के तौर पर है।
1988 बैच की IPS ऑफिसर रश्मि शुक्ला मार्च 2023 में सशस्त्र सीमा बल (SSB) की DG चुनी गई थीं। इससे पहले वे पुणे पुलिस कमिश्नर, महाराष्ट्र में खुफिया विभाग की चीफ रह चुकी हैं। IPS शुक्ला को बीजेपी सरकार के करीबी के तौर पर देखा जाता था, इसलिए साल 2019 में महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार आने के बाद उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
रश्मि शुक्ला का नाम फोन टैपिंग कैस में आ चुका है। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2015 से 2019 के बीच शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं के फोन टैप कराए। इस मामले में उनके खिलाफ 2021 और 2022 में में दो FIR दर्ज कराई गई थीं। सितंबर 2023 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों FIR को खारिज कर दिया था।
फोन टैपिंग मामले में चर्चा में आई थीं
2014 से लेकर 2019 तक रश्मि शुक्ला राज्य की प्रमुख IPS अधिकारी रही थीं। तब राज्य में भाजपा सरकार थी। उन्हें उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी भी माना गया। तब 2 मार्च, 2021 को उन पर शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत और NCP नेता एकनाथ खडसे के फोन टैप करने के आरोप में मुंबई में पहली FIR दर्ज हुई थी।
फरवरी 2022 में उन पर दूसरी FIR में कांग्रेस नेता नाना पटोले का फोन टैप करने के आरोप में हुई थी। इसके चलते 2020 में महाराष्ट्र खुफिया विभाग चीफ से हटाकर सिविल डिफेंस में नॉन एग्जीक्यूटिव पद पर नियुक्त किया गया। इसके बाद वे केंद्र से डेपुटेशन पर ADG केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के रूप में हैदराबाद चली गई थीं। 8 सितंबर 2023 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन पर दर्ज दोनों FIR को रद्द कर दिया था।
गोपनीय रिपोर्ट लीक करने का भी लग चुका है आरोप
IPS शुक्ला पर एक गोपनीय रिपोर्ट लीक करने का भी आरोप लगा था, जिसमें कुछ पुलिस ऑफिसर और बिचौलियों के बीच सांठ-गांठ का खुलासा हुआ था। ये लोग पैसे के लिए ट्रांसफर और पोस्टिंग करते थे। शिकायत में कहा गया कि उन्होंने एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी जो उन्होंने 2020 में स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की कमिश्नर के तौर पर तैयार की थी।
महाराष्ट्र में 2022 में एकनाथ शिंदे सरकार के सत्ता में आने के बाद तीसरा मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। कोर्ट की ओर से CBI की क्लोजर रिपोर्ट की अनुमति देने के बाद यह मामला भी बंद कर दिया गया, जिससे रश्मि शुक्ला के राज्य में लौटने का रास्ता साफ हो गया था।