घटनास्थल पर टूटा नहीं मिला डिवाइडर, न ही सीमेंट के ब्लॉक उखड़े, फिर भी उछलकर दूसरी लेन में पहुंच गई कार
बरेली। थाना भोजीपुरा से सिर्फ पांच सौ मीटर दूरी पर बरेली-नैनीताल हाईवे पर शनिवार की देर रात हुए भीषण हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि अपनी लेन में दौड़ रही अर्टिगा कार आखिर कैसे दूसरी लेन पर पहुंचकर डंपर से भिड़ गई। रविवार सुबह घटनास्थल पर जांच के बाद तब और सवाल खड़े हो गए, जब न कहीं डिवाइडर टूटा पाया गया और न ही उसमें लगे सीमेंट के ब्लॉक कहीं उखड़े मिले। सीएनजी टैंक में गैस भरी मिलने से यह जरूर साफ हुआ कि कार में आग पेट्रोल से लगी थी।
जांच के दौरान हर बिंदु पर बारीकी से गौर किया गया। इस दौरान माना गया कि डिवाइडर के किनारे को छूते हुए कार एक छोटे पेड़ को बेहद मामूली रूप से क्षतिग्रस्त कर दूसरी लेन में पहुंची थी लेकिन कार के बेकाबू होने के बाद उसकी डिवाइडर से टक्कर होने का मौके पर कोई प्रमाण नहीं मिला। मौके पर न डिवाइडर टूटा हुआ था और न ही उसमें लगे सीमेंट के ब्लॉकों में से एक भी ब्लॉक उखड़ा था। डिवाइडर पर एक जगह सिर्फ रगड़ का निशान ही मिला। जांच टीम ने आशंका जताई कि कार बेकाबू होने के बाद डिवाइडर के किनारे को छूते हुए उछलकर दूसरी लेन में पहुंची और डंपर से भिड़ गई। लेकिन ऐसा कैसे हुआ, यह साफ नहीं हुआ।
डिवाइडर पार करने के बाद कार की कोई धातु वाला पार्ट सड़क पर रगड़ा था, जिससे डेढ़ मीटर तक सड़क पर रगड़ के निशान बने थे। सड़क पर काला इंजन ऑयल भी फैला था। यहां से करीब 25 मीटर दूर कार और डंपर में आग लगी थी। कार की सीएनजी किट और टैंक सही सलामत था। इससे पेट्रोल से ही आग लगने की पुष्टि हो गई। हालांकि यह जांच होनी बाकी है कि कार में पहले ही आग लग गई थी या डंपर के घसीटने के दौरान सड़क की रगड़ की वजह से लगी।
मौके पर खड़ा डंपर 50 प्रतिशत से ज्यादा जल चुका था। कार में सिर्फ लोहा बचा था। जली कार की जांच करने के बाद एक और बात स्पष्ट हो गई कि भोजीपुरा पुलिस ने क्रेन की मदद से जले डंपर को सड़क किनारे करा दिया है और कार का ढांचा थाने में लाकर खड़ा कर दिया है। इससे पहले सुबह घटनास्थल मौजूद दोनों वाहनों को देखने वालों का जमघट लगा रहा।
सभी मृतकों की हुई पहचान
कार हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई थी। जलने के कारण शवों को पहचानना मुश्किल हो रहा था। पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के परिजनों ने शवों की पहचान कर ली। भोजीपुरा इंस्पेक्टर ने बताया कि सभी मृतकों को उनके परिजनों ने अंगूठी, बेल्ट, अंडर गारमेंट आदि से पहचान लिया है। पोस्टमार्टम हाउस पर ही लोग पहचानकर शव ले गए।