नई दिल्ली। तेरह दिसंबर का दिन इतिहास में देश-विदेश की कई बड़ी घटनाओं के साथ दर्ज है। 2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था।
देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़े संसद भवन में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की एम्बेसडर का इस्तेमाल किया और सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब रहे, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया। तेरह दिसंबर का दिन आतंकवाद से जुड़ी एक अन्य घटना का भी गवाह है।
1989 में आतंकवादियों ने जेल में बंद अपने कुछ साथियों को रिहा कराने के लिए देश के तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री का अपहरण कर लिया था। सरकार ने 13 दिसंबर को आतंकवादियों की मांग को स्वीकार करते हुए उनके पांच साथियों को रिहा कर दिया।
देश-दुनिया के इतिहास में 13 दिसंबर की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 1232 : इल्तुतमिश ने ग्वालियर पर कब्जा किया। 1675 : सिख गुरु तेग बहादुर दिल्ली में शहीद । 1772 : नारायण राव सतारा के पेशवा बने।
1921 : प्रिंस ऑफ वेल्स ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। 1921 : वाशिंगटन सम्मेलन के दौरान अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, जापान और फ्रांस के बीच ‘फोर पॉवर’ संधि पर दस्तख्त। इसमें किसी बड़े मसले पर दो सदस्यों में विवाद होने पर चारों देशों से सलाह करने का प्रावधान किया गया। 1937 : जापान की सेना ने चीन के साथ युद्ध के दौरान नानजिंग पर कब्जा कर लिया और नानजिंग नरसंहार को अंजाम दिया। इसमें तीन लाख से ज्यादा चीन के नागरिक मारे गए थे।
1977 : माइकल फरेरा ने राष्ट्रीय बिलियर्ड्स चैंपियनशिप में नये नियमों के तहत 1149 अंक का सर्वाधिक ब्रेक लगाया। 1989 : देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पांच आतंकवादियों को जेल से रिहा किया गया।
1995 : दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद सैकड़ों श्वेत और अश्वेत युवक सड़कों पर उतर आए, उन्होंने तोड़फोड़ की और दुकानों तथा कारों को आग लगा दी। 2001: भारतीय संसद भवन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर बंदूकधारियों के एक गिरोह ने नयी दिल्ली स्थित लोकतंत्र के मंदिर को निशाना बनाया। 2020:संस्कृत के विद्वान और डेढ़ सौं किताबों के लेखक विद्यावाचस्पति बन्नांजे गोविंदाचार्य का 85 वर्ष की उम्र में निधन।