अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों का कोई समर्थन नहीं, भारतीय-अमेरिकी सिख नेता का बड़ा बयान

जस्सी सिंह

वाशिंगटन। एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी सिख नेता ने कहा है कि अमेरिका में खालिस्तानी गतिविधियों का न तो सरकार और न ही समुदाय के लोग समर्थन करते हैं। ‘सिख ऑफ अमेरिका’ संगठन के जस्सी सिंह ने नरेन्द्र मोदी सरकार से युवाओं के बीच मादक पदार्थों की बढ़ती समस्या सहित पंजाब की कई प्रमुख चुनौतियों से निपटने के लिए एक पैकेज देने का आग्रह भी किया। सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि मोदी सरकार ने सिख समुदाय के लिए जो काम किए हैं, वे पिछली सरकारों की तुलना में अभूतपूर्व हैं।’’ 

सिंह ने कहा, ‘‘इसके साथ ही, कई सिख मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें 1984 के दंगों में सिखों के खिलाफ अत्याचार भी शामिल है। कोई भी सिख इसे नहीं भूलेगा।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिखों की चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर अभी भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भारत और दुनिया में सिख समुदाय से सीधे तौर पर जुड़ना चाहिए, न कि बिचौलियों के माध्यम से। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, अधिकतर सिख खालिस्तानी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका में एक छोटा सा अल्पसंख्यक वर्ग है जो इस तरह की गतिविधियों का समर्थन करता है। सिंह और उनका प्रतिनिधिमंडल 2014 से प्रधानमंत्री मोदी से उनकी हर अमेरिकी यात्रा के दौरान मुलाकात करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास से हर प्रवासी भारतीय गौरवान्वित महसूस करता है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब केंद्र को पंजाब के युवाओं और वहां की आम जनता के लिए कुछ ‘‘बेहतर पैकेज’’ का ऐलान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब के युवाओं के लिए और अधिक काम किया जाना चाहिए।’’ भारत के युवाओं को विदेश जाने से रोकने और उन्हें रोजगार तथा व्यवसाय के अवसर प्रदान करने की जरूरत है।’’

 एक अलगाववादी सिख नेता एवं अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश में एक भारतीय अधिकारी के शामिल होने के अमेरिका के आरोपों पर सिंह ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं के बराबर है। उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि पिछले कुछ सप्ताह से क्या हो रहा है, निखिल गुप्ता के खिलाफ आरोपपत्र दायर हो चुका है और भारत सरकार पर आरोप लग रहे हैं। लेकिन इसे अमेरिका में अलगाववादी खालिस्तानी गतिविधियों के समर्थन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों की रक्षा हेतु यह कार्रवाई की थी। चूंकि अलगाववादी नेता अमेरिका का नागरिक है, इसलिए सरकार उसके बचाव में आई है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या इसका द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ेगा, सिंह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है, इससे संबंधों पर अल्पकालिक असर तो पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक असर की संभावनाए नहीं के बराबर है। मुझे लगता है कि दोनों सरकारों के बीच बेहतर समझ बनेगी क्योंकि भारत ने साफ तौर पर कहा कि ऐसा करना उनकी नीति नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मामले में जांच चल रही है। सिंह ने कहा, ‘‘मैं भारत सरकार से जल्द से जल्द स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करूंगा और जिन लोगों ने ऐसा किया है उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।’’

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