अगले 4 दिन गरज-चमक के साथ इन 31 जिलों में होगी धनघोर बरसात पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, बढ़ेगी कड़ाके की ठंड

Weather Update मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि, यूपी के 31 जिलों में भारी बारिश के आसार है। और मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि, प्रयागराज, वाराणसी, संतरविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, आगरा, इटावा और आसपास के इलाकों में घने कोहरा छाया रहेगा। यातायात में दिक्कत होगी।

लखनऊ. यूपी के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ बदलाव का बड़ा कारण बनेगा। मौसम विभाग ने पांच से 9 जनवरी तक के लिए पूर्वानुमान जारी किए हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि दक्षिण पश्चिम राजस्थान और पड़ोसी देश में साइक्लोनिक सर्कुलेशन का भी असर रहेगा। जारी पूर्वानुमान के अनुसार, पांच जनवरी को पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में हल्की से भारी बारिश के आसार हैं। इस दौरान बादलों की गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ में लगभग सभी स्थानों पर बारिश के आसार हैं, जबकि बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, गाजियाबाद, ज्योतिबाफुलेनगर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया में कई जगह बरसात हो सकती है।

मौसम विभाग का अलर्ट भारी बारिश होगीबुलंदशहर, भीमनगर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, हरदोई, उन्नाव, कानपुर देहात, लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव, बहराइच व आसपास बारिश के आसार हैं। 6 से 9 जनवरी तक कहीं कुछ स्थानों पर तो कहीं पूरे इलाके में बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही, घना कोहरा छायामौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि, प्रयागराज, वाराणसी, संतरविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीरनगर, बस्ती, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, आगरा, इटावा और आसपास के इलाकों में घने कोहरे होगा।

राजधानी लखनऊ में पड़ रही है कड़ाके की ठंडमौसम विभाग (IMD) ने पूर्वानुमान जताया कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौसम (Mausam) में बदलाव 4 जनवरी शाम से दिखेगा। बुुधवार सुबह 5 जनवरी करे राजधानी लखनऊ के आसमान में बादल छाए हुए हैं। कड़ाके की ठंड है। पुरी रात और सुबह के 10 बज गए हैं कोहरा अपने शबाब पर है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि, बादलों की आवाजाही के बीच कुछ जगहों पर बारिश होने की उम्मीद है, जिस वजह से शीतलहर से मामूली राहत मिल सकती है।

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