IRCTC Stock Price: आईआरसीटीसी का स्टॉक बाजार के लिए मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है. अक्टूबर 2019 में कंपनी का आईपीओ आया था. अपने इश्यू प्राइस से स्टॉक 19 गुना यानि 1900 फीसदी ऊपर जा पहुंचा था
IRCTC Share Price: इंडियन रेलवे की ऑनलाइन टिकट बुकिंग रिजर्वेशन पोर्टल आईआरसीटीसी ( Indian Railway Catering And Tourism Corporation) के स्टॉक में सोमवार 18 दिसंबर, 2023 के कारोबारी सत्र में जोरदार तेजी देखी जा रही है. आईआरसीटीसी का स्टॉक करीब 14 फीसदी के उछाल के साथ 889.35 रुपये के लेवल पर जा पहुंचा है जो कि बीते दो साल में स्टॉक का उच्चतम स्तर है. निवेशक आईआरसीटीसी के स्टॉक में जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
2 साल के हाई पर IRCTC का स्टॉक
पिछले दो वर्ष के दौरान आईआरसीटीसी के स्टॉक में बहुत उतार चढ़ाव देखने को मिला है. 17 जनवरी, 2022 को स्टॉक 897 रुपये के हाई पर क्लोज हुआ था. पर इसके बाद से स्टॉक में भारी बिकवाली देखी गई और 6 जुलाई 2022 को आईआरसीटीसी का शेयर 557 रुपये के निचले लेवल पर जा लुढ़का. अपने हाई से स्टॉक 38 फीसदी नीचे जा लुढ़का. इसके बाद से रेलने से जुड़ी बाजार में लिस्टेड स्टॉक्स ने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दिए लेकिन आईआरसीटीसी का स्टॉक ठंडा पड़ा रहा.
एक महीने 20 फीसदी से ज्यादा स्टॉक
लेकिन हाल के दिनों में आईआरसीटीसी के स्टॉक में खरीदारी लौटी है. निवेशक फिर से स्टॉक में निवेश कर रहे हैं. पिछले एक महीने में स्टॉक में 20 फीसदी की तेजी आई है. तो 6 महीने में स्टॉक 28 फीसदी तक चढ़ा है. 2023 में स्टॉक में 33 फीसदी की तेजी आई है. पर 18 दिसंबर की तारीख आईआरसीटीसी के लिए खास है. 10 फीसदी के उछाल के बाद स्टॉक 858.90 रुपये पर जा पहुंचा है और स्टॉक में अपर सर्किट लग गया. लेकिन सर्रिट खुलने के बाद स्टॉक 13 फीसदी के उछाल के साथ 881 रुपये पर कारोबार कर रहा है.
मल्टीबैगर स्टॉक है IRCTC
आईआरसीटीसी का स्टॉक बाजार के लिए मल्टीबैगर स्टॉक साबित हुआ है. अक्टूबर 2019 में कंपनी का आईपीओ आया था. 320 रुपये इश्यू प्राइस वाला स्टॉक अक्टूबर 2021 में 6400 रुपये तक जा पहुंचा. अपने इश्यू प्राइस से स्टॉक 19 गुना यानि 1900 फीसदी ऊपर जा पहुंचा. शेयर बाजार में लिस्टेड सरकारी कंपनियों में सबसे बड़ा मल्टीबैगर स्टॉक बन गया.
2021 में हुआ स्टॉक स्प्लिट
अक्टूबर 2021 में ही 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले शेयर में स्टॉक स्प्लिट का फैसला लिया गया. एक शेयर को पांच शेयरों में बांट दिया गया जिसके बाद स्टॉक प्राइस में भी कमी आ गई. तब ये तर्क दिया गया कि ज्यादा से ज्यादा निवेशक स्टॉक खरीद सकें इसके चलते स्टॉक स्पिल्ट कर स्टॉक की कीमत को कम किया गया है.