लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराध थम नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी द्वारा अपराध नियंत्रण के दावे अब जुमला भर रह गये हैं। जनता आतंक तथा भय के माहौल में जीने को विवश है। जीरो टॉलरेंस अब जीरो हो गया है। महिलाओं, बच्चियों के अलावा अब बच्चे भी यौन उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं। यह शासन और प्रशासन के लिए शर्म की बात है।
राजधानी लखनऊ में ही महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं है। मुख्यमंत्री का रोमियो स्क्वाड और गश्ती पुलिस दल वारदातों के समय कहीं दिखाई नहीं देता है। सोमवार को एक अधिकारी की बेटी के साथ लखनऊ से बाराबंकी के 20 किलोमीटर रास्ते में दुष्कर्म की कलंकपूर्ण घटना घटती रही जबकि इस बीच छह थाना क्षेत्र भी पड़ते हैं।
आरोपित खुलेआम नशा करते दिखे, उन्होंने युवती को भी जबरन नशीला पदार्थ पिलाया पर कहीं कोई हलचल नहीं हुई। मडियांव थाना क्षेत्र में 15 साल की किशोरी से पड़ोसी दुकानदार ने दुष्कर्म किया। गत दिवस अलीगंज के गल्लामंडी इलाके में बीच सड़क एक छात्रा से छेड़छाड़ हुई। उसकी रिपोर्ट थाने में डीसीपी की फटकार के बाद ही लिखी गई।
हद तो यह है कि अब अधिकारी स्तर की महिलाएं भी अपनी आबरू नहीं बचा पा रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला खंड शिक्षा अधिकारी ने बीएसए के स्टेनो पर परेशान करने की शिकायत की है। लेह में तैनात आजमगढ़ निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल महिला अफसर ने अपने एक समकक्ष अफसर पर जबरन अप्राकृतिक सम्बंध बनाने का आरोप लगाया है।
प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हर चार दिन में एक बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है। आंकड़ों से यह सच्चाई स्पष्ट है। अपराध की ये घटनाएं विचलित करने वाली हैं। वाराणसी में वर्ष 2022 में 18 साल से कम उम्र के 46 बच्चे-बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हुई। 41 के साथ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज हुई। वाराणसी कमिश्नरेट के थानों में वर्ष 2022 में बच्चे, बच्चियों से सम्बन्धित 241 मुकदमें दर्ज किए गए।
वाराणसी में विवाहित महिलाएं घरेलू हिंसा की रोज ही शिकार हो रही हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में 485 महिलाओं ने अपने उत्पीड़न के मुकदमें दर्ज कराए। दहेज हत्या के 25 केस दर्ज हुए। 208 महिलाओं का अपहरण हुआ।
सच तो यह है कि भाजपा सरकार के पास सिर्फ जुमले हैं और बहकाने के लिए झूठे आश्वासन हैं। भाजपा ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, नारी वंदन जैसी योजनाएं सिर्फ दिखावे के लिए शुरू की है। बेटियां सुरक्षित नहीं है और नारी वंदन उनके क्रंदन से अभिशापित है। जनता भाजपा सरकार के निकम्मेपन से ऊब चुकी है और वह अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करके ही चैन लेंगी।