इसराइल पर हमास का हमला और उसके बाद गज़ा में इसराइली सेना की जवाबी कार्रवाई में अब तक एक हज़ार से ऊपर लोगों की जान जा चुकी है.
लेकिन सवाल ये है कि क्या हमास को इस हमले से फ़लस्तीन के मुद्दे पर कुछ बड़ी उपलब्धि मिलेगी?
अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू‘ ने इसी पर एक विश्वलेषण प्रकाशित किया है. आज के प्रेस रिव्यू में सबसे पहले यही रिपोर्ट पढ़िए.
छह अक्टूबर 1973 को जब मिस्र और सीरिया की सेना ने इसराइली बलों पर सुनियोजित हमला किया, तब इसराइल पूरी तरह हिल गया था. इसके छह साल पहले ही इसराइल ने अरब सेनाओं को हराया था.
उसने महज़ छह दिनों में जॉर्डन से वेस्ट बैंक-पूर्वी यरुशलम, सिनाई प्रायद्वीप और मिस्र से ग़ज़ा और सीरिया से गोलन हाइट्स पर अपना कब्ज़ा कर लिया था.