शिमला। हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले एक साल पुराने मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है और उसमें राजेश धर्माणी और यादवेंदर गोमा को कैबिनेट मंत्री के तौर पर मंगलवार को शामिल किया गया। ग्यराह महीने बाद राज्य मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार हुआ है।
इसके साथ ही अब कैबिनेट में सदस्यों की संख्या 11 हो गई है। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने यहां राजभवन में एक समारोह में मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए मंत्रियों को पद की शपथ दिलाई। धर्माणी (51) पूर्व मुख्य संसदीय सचिव हैं और घुमारवीं से तीन बार के विधायक हैं, जबकि 37 वर्षीय गोमा जयसिंहपुर से दो बार के विधायक हैं। दोनों नेताओं के पास इंजीनियरिंग एवं एमबीए की डिग्रियां हैं।
पिछले साल 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के शपथ ग्रहण के बाद आठ जनवरी को मंत्रिमंडल का विस्तार कर सात कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया था। धर्माणी के शामिल किए जाने से बिलासपुर जिले को सरकार में प्रतिनिधित्व मिल गया है, जबकि गोमा के माध्यम से कांगड़ा जिले को एक और मंत्री मिल गया है।
कांगड़ा जिले से कांग्रेस के 10 विधायक हैं। हिमाचल मंत्रिमंडल में कुल 12 मंत्री हो सकते है और एक पद अब भी खाली है, जबकि राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव लंबित है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने जनवरी में पहले विस्तार से पूर्व छह मुख्य संसदीय सचिवों की भी नियुक्ति की थी। नए विस्तार के बाद, कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित राजपूत समुदाय से पांच मंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत ब्राह्मण समुदाय से दो, अनुसूचित जाति से दो और अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति से एक-एक मंत्री शामिल हैं।
शिमला संसदीय क्षेत्र से पांच कैबिनेट मंत्री हैं, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा निर्वाचन क्षेत्रों से क्रमशः तीन और दो मंत्री हैं। धर्माणी इससे पहले हिप्र कांग्रेस कमेटी के सचिव, हिप्र युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और एनएसयूआई की तकनीकी सेल के सचिव और संयोजक सहित कई पदों पर रह चुके हैं।
वह वर्तमान में मानव विकास समिति के मनोनीत अध्यक्ष और लोक लेखा और ई-प्रशासन एवं सामान्य प्रयोजन समितियों के सदस्य हैं। गोमा 2011-2014 तक राज्य राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के महासचिव और 2019-2021 तक हिप्र कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष थे। कांग्रेस ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 68 में से 40 सीट पर जीत हासिल की थी।