यरूशलम। इजरायली सेना ने कहा है कि उसने गाजा में अपने अभियान के दौरान गलती से तीन बंधकों को मार डाला और इसके लिए परिजनों से माफी मांगी है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों की मौत को “असहनीय त्रासदी” करार दिया है। नेतन्याहू ने कहा, “हम अपने घावों पर मरहम लगाएंगे, सबक सीखेंगे और अपने सभी अपहृत लोगों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए सर्वोच्च प्रयास जारी रखेंगे।”
इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने एक बयान जारी करके कहा कि शुक्रवार की घटना की जांच की जा रही है। वह “दुखद घटना पर गहरा अफसोस व्यक्त करते हुए परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। सेना ने कहा कि तीनों इजरायली बंधकों का नाम योतम हैम (28 साल) , समीर तलाल्का (22 साल) और अलोन शमरिज़ (26 साल) है। उसने दुख जाहिर करते हुए कहा,“ कल तीनों को गाजा के उत्तर में शेजैया में सक्रिय सैनिकों ने गोली मार दी थी।” आईडीएफ ने कहा, “हमारा राष्ट्रीय मिशन लापता लोगों का पता लगाना और सभी बंधकों को घर लौटाना है।”
सेना के इस खुलासे के बाद सैकड़ों लोग मध्य तेल अवीव में एकत्र हुए और शहर में आईडीएफ सैन्य अड्डे तक मार्च किया। उन्होंने सरकार से शेष बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौता करने की मांग की। तीनों नागरिकों के शव इजरायली क्षेत्र में लौटा दिए गए हैं, जहां जांच से उनकी पहचान की पुष्टि हुई। इजरायल पर सात अक्टूबर के हमलों में पकड़े जाने के बाद से 100 से अधिक बंधक गाजा में कैद में हैं। सेना की कार्रवाई में मारा गया योतम हैम एक संगीतकार था। उसे सात अक्टूबर को किबुत्ज़ कफ़र अज़ा से अपहरण कर लिया गया था। उसकी मां ने बीबीसी से इसके पहले कहा था कि जब वे अपने घर में छिपे हुए थे तब वे एक दूसरे से फोन पर संपर्क में थे लेकिन बाद उनका संपर्क टूट गया था।