लखनऊ, न्यूज़ आईएनबी। एक उम्र के बाद घुटने समेत शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द होने लगता है। इस दर्द से निजात पाने के लिए लोग दर्द निवारक दवाओं का सेवन भी करते हैं। जिसका दुष्परिणाम शरीर के किडनी और लिवर जैसे अंगों पर भी पड़ता है। जिसके चलते दर्द निवारक दवाओं का प्रयोग करने से बचना चाहिए। ऐसे में जोड़ों के दर्द से निजात दिलाने में प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा थेरेपी (PRP) काफी कारगर साबित हो रही है। खास बात यह है कि पीआरपी थेरेपी का कोई बुरा असर शरीर पर नहीं पड़ता है। इस बात की जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की डॉ. सरिता सिंह ने अमृत विचार के साथ हुई बातचीत के दौरान दी।
डॉ.सरिता सिंह ने बताया कि प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) थेरेपी की शुरूआत करीब दो साल पहले केजीएमयू में हुई थी, तब से लेकर अब तक करीब 3 हजार लोगों को जोड़ों के दर्द से राहत मिली है। पीआरपी थेरेपी गठिया से जोड़ों में होने वाले दर्द में भी कारगर है। उन्होंने बताया कि इस थेरेपी को देने से पहले जोड़ों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति के शरीर से 10 से 20 एमएल ब्लड लिया जाता है। फिर मशीन की मदद से प्लेटलेट को अलग कर लिया जाता है। बाद में उसी प्लेटलेट को जिस जोड़ में दर्द होता है वहां इंजेक्ट कर दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में अधिकतम एक दिन का समय लगता है।
उन्होंने बताया कि पीआरपी थेरेपी देने के बाद धीरे-धीरे मरीज को दर्द से राहत मिलने लगती है। इस थेरेपी को एक ही बार देने से दर्द से पीड़ित व्यक्ति को राहत मिल जाती है, लेकिन कुछ लोगों को यह तीन बार देनी पड़ती है। एक बार थेरेपी देने के बाद दोबारा यह थेरेपी करीब तीन महीने बाद दी जाती है। अधिकतम तीन बार यह थेरेपी दी जाती है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की तरफ से पीआरपी थेरेपी में अहम योगदान दिया जाता है। साथ ही यह भी जानकारी साझा की है कि केजीएमयू के डॉक्टरों ने भी इस थेरेपी का इस्तेमाल स्वयं पर भी किया है और जोड़ों के दर्द से राहत पायी है।