उपलब्धि पारकर इंटर कॉलेज में चल रही प्रदेश स्तरीय प्रदर्शनी, लगभग 1000 छात्र-छात्राओं ने किया अवलोकन
मुरादाबाद, न्यूज़ आईएनबी। पारकर इंटर कॉलेज में चल रही 51वीं राज्य स्तरीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने युवा वैज्ञानिकों की प्रतिभा को सराहा। उनके बनाए मॉडलों को देखने के लिए विभिन्न स्कूलों के 1000 छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान के प्रो. विपेंद्र कुमार, प्रवक्ता मंजूषा गुप्ता, अरविंद कुमार गौतम, शिवनारायण सुदामा प्रसाद, एसके नेथन ने मॉडल देखकर युवा वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ाया। निर्णायक मंडल में डाॅ. दीपक मेहंदीरत्ता, डाॅ. वीरेंद्र सिंह, डाॅ. रमेश पाल, डाॅ. राजदीप सिंह, डाॅ. प्रशांत कुमार, डाॅ. राजीव कुमार, डाॅ. भारतभूषण अग्रवाल, डाॅ. अनिल कुमार, डाॅ. मनुज कुमार, डाॅ. विकास सिह, डाॅ. जीके शर्मा, डॉ. सविता अग्रवाल, डाॅ. रेनू शर्मा ने प्रदर्शनी में मॉडल देखकर छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाया। डाॅ. दीपक मेहंदीरत्ता ने कहा कि आज कृषि को प्रौद्योगिकी के माध्यम से बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
डाॅ. विकास सिंह ने कहा की समाज के लिए विज्ञान प्रात: उठने से लेकर रात्रि सोने तक हमारे चारों ओर विद्यमान है। कार्यक्रम में डेविड वाल्टर, मेजर राजीव ढल, डाॅ. मुक्ता अग्रवाल, मनोज प्रभाकर, अभिषेक राय सिंह, अभिषेक बिल्सन, निशित बिजौय दास, अम्बरीश सिंह, अविनाश अग्रवाल, अरविंद शर्मा, फैसल मसरूर सिद्दीकी आदि मौजूद रहे।
स्मार्ट हेलमेट करेगा समस्या का हल
प्रतापगढ़ के सरदार पटेल स्कूल के छात्र कार्तिक ए. सिंह ने स्मार्ट हेलमेट बनाया है। उनके मॉडल हेलमेट में वाईफाई, ब्लूटूथ की सुविधा उपलब्ध है। अगर आप बाइक चला रहे हैं, तब आपको ईयरफोन का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। हेलमेट में बात करने के लिए स्पीकर लगा हुआ है। इसका सकारात्मक पहलू यह है कि इससे सड़क दुर्घटना रोकने में आसानी होगी। क्योंिक हेलमेट पहने बिना आपकी बाइक स्टार्ट नहीं होगी। यदि बाइक चालक ने शराब का सेवन किया है तब भी बाइक संचालित नहीं होगी।
पर्यावरण प्रदूषण दूर करेगा आदित्य का मॉडल
झांसी जनपद के बड़ागांव इंटर कॉलेज के कक्षा 10 के छात्र आदित्य दांगी ने अपने मॉडल के बारे में बताया कि इससे पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभाव कम होंगे। मॉडल का उद्देश्य स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देना है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे फैक्ट्री का पानी हमारी नदियों में जा रहा है। जिससे हमारी खेती, पशु, इंसान पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर इन फैक्ट्रियों का पानी फिल्टर करने के बाद नदियों में छोड़ा गया। जिससे जलीय प्रदूषण रुकेगा।